1.5-Evaporation
1.5-Evaporation Important Formulae
You are currently studying
Grade 9 → Science → Matter in Our Surroundings → 1.5-Evaporation
- Explain situations that demonstrate factors affecting evaporation.
- Provide explanation for life situations that demonstrate effects of evaporation.
1.5.1-Factors Affecting Evaporation:
- Temperature: Higher temperature of liquid, high rate as more molecules at the surface are energetic enough to escape.
- Humidity: Higher humidity, lower the rate as more water vapor present in the the air to hit the escaped molecule back to the liquid.
- Boiling Point: Lower the boiling point of the liquid, faster rate as bonds between liquid molecules are weaker.
- Surface area of liquid: Larger surface area, more molecules can escape from liquid at greater rate.
- Movement of Air: Removes the liquid molecules as soon as they escape.
- Pressure: Reducing atmospheric pressure increases rate of evaporation.
1.5.2-How Does Evaporation Cause Cooling?:
Hawesthoughts, CC0, via Wikimedia Commons
1.5 - वाष्पीकरण (Evaporation)
वाष्पीकरण वह प्रक्रिया है, जिसमें द्रव (liquid) अपनी सतह से गर्मी प्राप्त करके गैस (gas) में परिवर्तित हो जाता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और यह कमरे के तापमान पर भी हो सकती है। वाष्पीकरण का मुख्य कारण द्रव के कणों के बीच में होने वाली गति और ऊर्जा का अंतर होता है।
वाष्पीकरण के लिए आवश्यक शर्तें:
- तापमान (Temperature): वाष्पीकरण की दर (rate) तापमान के साथ बढ़ती है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, द्रव के कणों में गति बढ़ती है, जिससे वे गैस में परिवर्तित हो सकते हैं।
- सतह क्षेत्र (Surface Area): द्रव का जितना अधिक सतह क्षेत्र होगा, वाष्पीकरण उतनी ही तेजी से होगा। बड़े क्षेत्र में द्रव के कणों के बीच आपसी टकराव की संभावना अधिक होती है, जिससे गैस के रूप में परिवर्तन की गति तेज हो जाती है।
- वायु गति (Air Movement): यदि हवा लगातार द्रव की सतह से होकर बह रही हो, तो यह वाष्पीकरण की दर को बढ़ा देती है। हवा में अधिक नमी को बाहर निकालने के कारण वाष्पीकरण तेज होता है।
- द्रव की प्रकृति (Nature of Liquid): कुछ द्रवों का वाष्पीकरण अन्य द्रवों की तुलना में अधिक तेजी से होता है। हल्के द्रव, जिनकी वाष्प दबाव (vapor pressure) अधिक होती है, वे जल्दी वाष्पित होते हैं।
वाष्पीकरण की ऊर्जा (Latent Heat of Evaporation):
वाष्पीकरण में एक प्रकार की ऊष्मा (heat) का अवशोषण होता है, जिसे "Latent Heat of Evaporation" कहा जाता है। यह ऊर्जा द्रव के कणों को इस तरह से गति प्रदान करती है कि वे गैस में परिवर्तित हो जाते हैं। इस ऊष्मा का मान द्रव के प्रकार और तापमान पर निर्भर करता है।
वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना निम्नलिखित सूत्र से की जाती है:
$Q = mL$
जहां,
- $Q$ = वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊर्जा (Joules में),
- $m$ = द्रव का द्रव्यमान (kg में),
- $L$ = Latent Heat of Evaporation (J/kg में)।
वाष्पीकरण और उबालने में अंतर:
- वाष्पीकरण केवल द्रव की सतह से होता है, जबकि उबालने के दौरान द्रव का प्रत्येक कण उबालकर गैस में परिवर्तित होता है।
- वाष्पीकरण कमरे के तापमान पर होता है, जबकि उबालने के लिए द्रव का तापमान उबालने के बिंदु (boiling point) तक बढ़ाना पड़ता है।
वाष्पीकरण का दैनिक जीवन में उपयोग:
- वाष्पीकरण की प्रक्रिया का उपयोग जल को शीतल करने में होता है। उदाहरण के लिए, पसीना हमारे शरीर से वाष्पित होता है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।
- वाष्पीकरण की प्रक्रिया का उपयोग पानी को जल्दी सूखने में भी होता है, जैसे कपड़े धोने के बाद सूखना।