10.1-Work
10.1-Work Important Formulae
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- Judge situations to identify where work is done according to scientific conception and calculate the magnitude of work.
- Calculate the total work done on an object when force is applied in varied directions and determine its nature.
10.1.1- Not Much 'Work' in Spite of Working Hard:
If a force acting on a body causes no displacement, the work done does is zero. e.g. pushing a wall.
10.1.2- Scientific Conception of Work:
Work done on an object is defined as the product of the magnitude of the force acting on the body and the displacement in the direction of the force.
10.1.3- Work Done by a Constant Force:
man lifting a crate the hight h
MikeRun, icon taken from, CC BY-SA 4.0, via Wikimedia Commons
10.1 - Work
इस अध्याय में हम "कार्य" (Work) के बारे में अध्ययन करेंगे। कार्य (Work) उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें बल (Force) किसी वस्तु को गति में लाता है या उसकी गति में परिवर्तन करता है।
जब कोई बल किसी वस्तु पर कार्य करता है, तो उस वस्तु को एक निश्चित दिशा में चलने के लिए प्रेरित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक बॉक्स को खींचते हैं, तो उस बॉक्स पर एक बल लग रहा होता है और बॉक्स आगे की दिशा में गति करता है।
कार्य की परिभाषा
कार्य (Work) तब होता है जब किसी वस्तु पर बल लगता है और वह बल वस्तु को किसी निश्चित दिशा में गति देने में सहायक होता है। कार्य को निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
कार्य $W = F \cdot d \cdot \cos \theta$
यहां,
- $W$ = कार्य (Work)
- $F$ = बल (Force)
- $d$ = वस्तु की विस्थापन (Displacement)
- $\theta$ = बल और विस्थापन के बीच का कोण (Angle between Force and Displacement)
यदि बल और विस्थापन की दिशा समान होती है, तो $\theta$ का मान $0^\circ$ होता है और $\cos 0^\circ = 1$ होता है। ऐसे में कार्य का सूत्र बन जाता है:
$W = F \cdot d$
यदि बल और विस्थापन के बीच कोण $90^\circ$ हो, तो कार्य शून्य होता है क्योंकि $\cos 90^\circ = 0$।
कार्य का मात्रक
कार्य का SI मात्रक "जूल" (Joule) है। एक जूल कार्य तब होता है जब एक न्यूटन बल किसी वस्तु को एक मीटर की दूरी तक गति देता है।
1 जूल $= 1 \, \text{N} \cdot \text{m}$
कार्य एक स्केलेर मात्रक है, यानी इसका कोई दिशा नहीं होती है। हालांकि, यदि बल और विस्थापन के बीच कोण होता है, तो कार्य की दिशा उस दिशा में होती है जिसमें विस्थापन हुआ हो।
कार्य का उदाहरण
मान लीजिए एक व्यक्ति एक बॉक्स को खींच रहा है। अगर वह बॉक्स को क्षैतिज दिशा में 5 मीटर खींचता है और उस पर 10 न्यूटन का बल लगा है, तो कार्य निम्नलिखित होगा:
$W = F \cdot d = 10 \, \text{N} \cdot 5 \, \text{m} = 50 \, \text{J}$
इसका मतलब है कि बॉक्स को 50 जूल कार्य के साथ खींचा गया है।
कार्यक्षमता और कार्य
कार्य का मतलब केवल बल और विस्थापन के गुणनफल से नहीं होता, बल्कि बल की दिशा और विस्थापन की दिशा के बीच का कोण भी महत्वपूर्ण है। यदि बल और विस्थापन की दिशा एक-दूसरे के विपरीत होती है, तो कार्य नकारात्मक होता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप किसी वस्तु को ऊपर की दिशा में उठाते हैं, तो पृथ्वी द्वारा लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल नकारात्मक कार्य करेगा।