9.1-Gravitation
9.1-Gravitation Important Formulae
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- Demonstrate a clear understanding of gravitational force.
- Explain the role of centripetal force in life situations.
- Relate Newton’s third law of motion and gravitational force to explain the motion of bodies.
- Calculate gravitational force and its impact on objects.
9.1.1- Universal Law of Gravitation:
- Gravitation is the force of attraction between any two objects/bodies in the universe. This means that every object in the universe attracts every other object.
- Gravitation is the weakest force of attraction.
9.1.2- Importance of the Universal Law of Gravitation:
It gives justification to:- The force that binds us to the earth.
- The motion of the moon around the earth.
- The motion of planets around the Sun.
- The tides due to the moon and the Sun.
Lunar gravity jump (1/6 g) using a simulator. The “0 psi” card seems to indicate that the filmed test was carried out without the suit having been pressurized (the internal pressure greatly modifies the comfort of the suit). The astronaut is tilted at 80.5° to the horizontal so that his jumps are identical (for the camera) to those he would do on the Moon. See this image on this subject.
NASA, Public domain, via Wikimedia Commons
9.1 - गुरुत्वाकर्षण
गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी द्वारा किसी भी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करने की शक्ति है। यह आकर्षण शक्ति पृथ्वी की सतह पर लगभग सभी वस्तुओं पर समान रूप से कार्य करती है। इस बल को हम "गुरुत्वाकर्षण बल" कहते हैं। यह बल पृथ्वी, सूर्य, अन्य ग्रहों और आकाशीय पिंडों द्वारा एक-दूसरे को आकर्षित करने के कारण कार्य करता है।
गुरुत्वाकर्षण का महत्व
गुरुत्वाकर्षण का सबसे बड़ा महत्व पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में है। यह पृथ्वी पर हवा, पानी, समुद्र और अन्य प्राकृतिक घटनाओं को नियंत्रित करता है। यह किसी भी वस्तु को पृथ्वी की सतह पर बनाए रखने में भी मदद करता है।
गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र
गुरुत्वाकर्षण बल (F) दो वस्तुओं के बीच के द्रव्यमान और उनके बीच की दूरी पर निर्भर करता है। इसका सूत्र निम्नलिखित है:
$F = \frac{G \cdot m_1 \cdot m_2}{r^2}$
जहां,
- $F$ = दो वस्तुओं के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल
- $G$ = गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक (6.67 × $10^{-11}$ N m²/kg²)
- $m_1$ और $m_2$ = दो वस्तुओं के द्रव्यमान
- $r$ = दो वस्तुओं के बीच की दूरी
गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक
गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक (G) एक अद्वितीय नियतांक है जो सभी वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल की गणना करने में उपयोगी होता है। इसका मान लगभग 6.67 × $10^{-11}$ N m²/kg² होता है। यह मान पूरी ब्रह्मांड में समान रहता है।
गुरुत्वाकर्षण बल का पृथ्वी पर प्रभाव
पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही हम पृथ्वी की सतह पर स्थित रहते हैं और वस्तुएं नीचे गिरती हैं। इसका मान पृथ्वी पर लगभग 9.8 m/s² होता है। यह बल किसी वस्तु को नीचे की ओर आकर्षित करता है। इस बल को "गुरुत्वीय त्वरण" या "गुरुत्वाकर्षण त्वरण" कहते हैं।
गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा
गुरुत्वाकर्षण बल हमेशा दो वस्तुओं के केंद्रों की ओर कार्य करता है। पृथ्वी पर यह बल वस्तु को पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित करता है।
पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल
पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के द्रव्यमान और वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है। इस बल को मापने के लिए सामान्य रूप से गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक और वस्तु के द्रव्यमान का उपयोग किया जाता है।
गुरुत्वाकर्षण का माप
गुरुत्वाकर्षण के बल को मापने के लिए हम उसे निम्नलिखित सूत्र से भी समझ सकते हैं:
$F = m \cdot g$
जहां,
- $F$ = गुरुत्वाकर्षण बल
- $m$ = वस्तु का द्रव्यमान
- $g$ = गुरुत्वीय त्वरण (जो पृथ्वी पर लगभग 9.8 m/s² होता है)
गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव अंतरिक्ष में
अंतरिक्ष में भी गुरुत्वाकर्षण बल कार्य करता है। इसका प्रभाव ग्रहों, सितारों, उपग्रहों और अन्य आकाशीय पिंडों पर देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, चंद्रमा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है।