10.2-Energy
10.2-Energy Important Formulae
You are currently studying
Grade 9 → Science → Work and Energy → 10.2-Energy
- Comprehend energy and calculate the amount of work an object is capable of doing.
- Relate kinetic energy to motion and calculate kinetic energy possessed by the objects.
- Comprehend energy transfer and write an expression for the kinetic energy of an object.
- Relate potential energy to position and calculate potential energy possessed by the objects.
- Generalise the law of conservation of energy to situations of energy transfer and calculate the total energy of an object.
Energy is the capacity of a body to do work.
10.2.1-Forms of Energy:
- Potential energy
- Kinetic energy
- Heat energy
- Electrical energy
- Light energy
- Chemical energy
10.2.2-Kinetic Energy:
Energy possessed by a body due to its motion.
10.2.3-Potential Energy:
Energy possessed by a body due to its position or shape is called its potential energy.
10.2.4-Potential Energy of an Object at an Height:
10.2.5-Are Various Forms of Energy Interconvertible?
10.2.6-Law of Conservation of Energy
This law states that energy can neither be created nor be destroyed. It can only be converted from one form to another. The total energy of the universe remains constant.
Timgan, CC BY-SA 4.0, via Wikimedia Commons
10.2 - Energy
ऊर्जा (Energy) वह क्षमता है जो किसी वस्तु को कार्य (Work) करने में सक्षम बनाती है। ऊर्जा का SI मात्रक जूल (Joule) है, और इसे 'E' से निरूपित किया जाता है। ऊर्जा के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, ध्वनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा आदि।
ऊर्जा का माप कार्य के रूप में किया जाता है। जब कोई वस्तु कार्य करती है, तो उसमें ऊर्जा का परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, जब कोई वस्तु गति में होती है, तो उसमें गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) होती है। यदि कोई वस्तु किसी ऊँचाई पर स्थित है, तो उसमें स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) होती है।
1. गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)
जब कोई वस्तु गति में होती है, तो उसमें गतिज ऊर्जा होती है। गतिज ऊर्जा का सूत्र है:
KE = $\dfrac{1}{2} mv^2$
जहाँ, 'm' वस्तु का द्रव्यमान (Mass) है और 'v' उसकी वेग (Velocity) है।
2. स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)
जब कोई वस्तु किसी ऊँचाई पर स्थित होती है, तो उसमें स्थितिज ऊर्जा होती है। स्थितिज ऊर्जा का सूत्र है:
PE = mgh
जहाँ, 'm' वस्तु का द्रव्यमान है, 'g' गुरुत्वाकर्षण का त्वरण (Acceleration due to gravity) है और 'h' ऊँचाई है।
3. ऊर्जा का संरक्षण (Conservation of Energy)
ऊर्जा का संरक्षण का सिद्धांत कहता है कि ऊर्जा न तो बनाई जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है, केवल यह रूप बदल सकती है। यदि किसी प्रणाली में कुल ऊर्जा की मात्रा प्रारंभ में Einitial थी और बाद में Efinal हो, तो:
Einitial = Efinal
उदाहरण के लिए, यदि एक वस्तु ऊपर उठाई जाती है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा बढ़ जाती है, और गतिज ऊर्जा घट सकती है।
4. अन्य प्रकार की ऊर्जा (Other Forms of Energy)
ऊर्जा के विभिन्न रूप होते हैं, जैसे:
- ध्वनिक ऊर्जा (Sound Energy): यह ऊर्जा तब उत्पन्न होती है जब किसी माध्यम में कंपन (Vibration) होता है।
- विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy): यह ऊर्जा विद्युत प्रवाह से उत्पन्न होती है।
- रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy): यह ऊर्जा रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान उत्पन्न होती है।
- तापीय ऊर्जा (Thermal Energy): यह ऊर्जा तापमान के परिवर्तन से संबंधित होती है।
5. ऊर्जा का रूपांतरण (Transformation of Energy)
ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित हो सकती है। उदाहरण के लिए, जब एक बल को किसी वस्तु पर लागू किया जाता है, तो उस बल द्वारा किया गया कार्य वस्तु में गतिज ऊर्जा में बदल जाता है। इसी तरह, पंखे के मोटर में विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदला जाता है।
ऊर्जा का रूपांतरण विभिन्न यांत्रिक उपकरणों, विद्युत उपकरणों, और प्राकृतिक प्रक्रियाओं में होता है। यह सिद्धांत ऊर्जा के व्यवहार को समझने में सहायक होता है।
6. ऊर्जा की इकाई (Unit of Energy)
ऊर्जा का SI मात्रक जूल (Joule) है। 1 जूल (J) उस कार्य के बराबर होता है जो 1 न्यूटन (N) बल द्वारा 1 मीटर (m) की दूरी तक कार्य करने पर उत्पन्न होता है।