2.2-What is a Solution
2.2-What is a Solution Important Formulae
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- Classify homogenous and heterogenous mixtures into solutions, suspensions and colloids.
- Determine the effect of concentration of solution on its physical properties.
2.2.1-Concentration of a Solution:
2.2.2-What is a Suspension?:
2.2.3-What is a Colliodal Solution?:
Maxmath12, CC0, via Wikimedia Commons
2.2-What is a Solution
रासायनिक दृष्टिकोण से, एक "घोल" (Solution) वह मिश्रण होता है जिसमें एक या एक से अधिक पदार्थ किसी अन्य पदार्थ में पूरी तरह से घुल जाते हैं। इस प्रक्रिया में, पदार्थ के छोटे-छोटे कण (जिन्हें अणु या आयन कहते हैं) घोल के दूसरे पदार्थ के साथ पूरी तरह से मिलकर एक समान (uniform) मिश्रण बना लेते हैं।
घोल के तीन प्रमुख घटक होते हैं:
- घुलनशील पदार्थ (Solute): वह पदार्थ जो घोल में घुलता है। उदाहरण के लिए, पानी में नमक या चीनी घुलती है।
- घोलक (Solvent): वह पदार्थ जिसमें घुलनशील पदार्थ घुलता है। उदाहरण के लिए, पानी एक आम घोलक है।
- घोल (Solution): घुलनशील पदार्थ और घोलक का मिश्रण। यह एक समान (homogeneous) मिश्रण होता है, जिसमें सभी कण समान रूप से वितरित होते हैं।
घोल में यह विशेषता होती है कि उसका रूप और गुण समस्त मिश्रण में समान रहते हैं। घोल किसी भी रूप में हो सकता है - ठोस, द्रव या गैस। उदाहरण के तौर पर, पानी में घुला हुआ नमक, गैसों का मिश्रण जैसे वायुमंडल, या द्रव में घुली हुई शराब को घोल के रूप में पहचाना जा सकता है।
घोल के गुण:
- समरूपता (Homogeneity): घोल में सभी घटक पूरी तरह से मिलकर एक समान रूप में होते हैं। उदाहरण के लिए, पानी में घुला नमक या चीनी समान रूप से वितरित होता है।
- संगति (Consistency): घोल के कणों की आपसी दूरी इतनी कम होती है कि वे एक-दूसरे से पूरी तरह मिलकर मिश्रण का रूप लेते हैं।
- घुलनशीलता (Solubility): किसी पदार्थ की एक निश्चित मात्रा किसी अन्य पदार्थ में घुलने की क्षमता को घुलनशीलता कहा जाता है।
घोल का प्रकार:
- ठोस-ठोस घोल (Solid-Solid Solution): इसमें दोनों घटक ठोस होते हैं, जैसे सोने में कांसा।
- द्रव-द्रव घोल (Liquid-Liquid Solution): इसमें दोनों घटक द्रव होते हैं, जैसे शराब में पानी।
- गैस-गैस घोल (Gas-Gas Solution): इसमें दोनों घटक गैस होते हैं, जैसे वायुमंडल का मिश्रण।
- ठोस-गैस घोल (Solid-Gas Solution): इसमें एक ठोस और एक गैस होते हैं, जैसे चारकोल पर गैसों का अवशोषण।
घोल की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसके घटक कभी भी एक दूसरे से पूरी तरह अलग नहीं होते। उदाहरण के तौर पर, जब हम नमक को पानी में घोलते हैं, तो वह पानी में पूरी तरह समा जाता है और किसी भी स्तर पर हमें अलग से नमक के कण नहीं दिखते। यह एक घोल का गुण है कि वह पारदर्शी होता है और उसमें किसी भी कण को आंख से देख पाना संभव नहीं होता।
घोल के गणितीय रूप में, घुलनशीलता (solubility) को निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जाता है:
घुलनशीलता = $\frac{\text{घुली हुई पदार्थ की मात्रा}}{\text{घोल का कुल द्रव्यमान}}$
इससे यह स्पष्ट होता है कि किसी घोल की घुलनशीलता उस घोल के तापमान और दबाव पर निर्भर करती है। अधिक तापमान पर कुछ पदार्थों की घुलनशीलता बढ़ जाती है, जबकि अन्य के लिए यह घट सकती है।
अंततः, घोल एक ऐसा मिश्रण होता है, जिसमें अलग-अलग पदार्थ मिलकर एकरूप होते हैं और उनका गुण समग्र रूप से एक जैसा दिखाई देता है।